terça-feira, 23 de setembro de 2008

Representação simbólica da vida de um profeta.


1) जो प्रारम्भ से प्रत्यक्षदर्शी और सुसमाचार के सेवक थे, उन से हमें जो परम्परा मिली, उसके आधार पर

2) बहुतों ने हमारे बीच हुई घटनाओं का वर्णन करने का प्रयास किया है।

3) मैंने भी प्रारम्भ से सब बातों का सावधानी से अनुसन्धान किया है; इसलिए श्रीमान् थेओफ़िलुस, मुझे आपके लिए उनका क्रमबद्ध विवरण लिखना उचित जान पड़ा,

4) जिससे आप यह जान लें कि जो शिक्षा आप को मिली है, वह सत्य है।

5) यहूदिया के राजा हेरोद के समय अबियस के दल का जकरियस नामक एक याजक था। उसकी पत्नी हारून वंश की थी और उसका नाम एलीज’बेथ था।

6) वे दोनों ईश्वर की दृष्टि में धार्मिक थे-वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।

7) उनके कोई सन्तान नहीं थी, क्योंकि एलीज’बेथ बाँझ थी और दोनों बूढ़े हो चले थे।

8) जकरियस नियुक्ति के क्रम से अपने दल के साथ याजक का कार्य कर रहा था।

9) किसी दिन याजकों की प्रथा के अनुसार उसके नाम

10) चिट्टी निकली कि वह प्रभु के मन्दिर में प्रवेश कर धूप जलाये।

11) धूप जलाने के समय सारी जनता बाहर प्रार्थना कर रही थी। उस समय प्रभु का दूत उसे धूप की वेदी की दायीं और दिखाई दिया।

12) जकरियस स्वर्गदूत को देख कर घबरा गया और भयभीत हो उठा;

13) परन्तु स्वर्गदूत ने उस से कहा, ''जकरियस! डरिए नहीं। आपकी प्रार्थना सुनी गयी है-आपकी पत्नी एलीज’बेथ के एक पुत्र उत्पन्न होगा, आप उसका नाम योहन रखेंगे।

14) आप आनन्दित और उल्लसित हो उठेंगे और उसके जन्म पर बहुत-से लोग आनन्द मनायेंगे।

15) वह प्रभु की दृष्टि में महान् होगा, अंगूरी और मदिरा नहीं पियेगा, वह अपनी माता के गर्भ में ही पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जायेगा

16) और इस्राएल के बहुत-से लोगों का मन उनके प्रभु-ईश्वर की ओर अभिमुख करेगा।

Nenhum comentário:

Postar um comentário